आचार्य चाणक्य ने ऐसे लोगों का वर्णन किया है, जिन्हें कभी पैर नहीं लगाना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, इन लोगों को पैर लगाना घोर अपमान के रूप में देखा जाता है. संकट भी सिर पर आ सकते हैं.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, भूलकर भी कभी अपने गुरु को पैर नहीं लगाना चाहिए.
अगर आप गुरु को पैर लगाते हैं तो इससे गुरु का अपमान होता है. गलती से लग जाएं तो तुरंत माफी मांग लें.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, भूलकर भी किसी ब्राह्मण को पैर नहीं लगाना चाहिए. उनका अपमान नहीं करना चाहिए.
चाणक्य के अनुसार, ब्राह्मण का अपमान करने का नुकसान इंसान को हमेशा भुगतना पड़ता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, हिंदू धर्म में 9 साल की कन्या को देवी का रूप कहा जाता है.
अगर किसी कन्या को आपका पैर गलती से लग भी जाता है तो तुरंत क्षमा याचना कर लें.
छोटे बच्चे को भी कभी पैर नहीं लगाना चाहिए. ऐसा करने से मुश्किलें आ सकती हैं.