आचार्य चाणक्य के मुताबिक 6 तरह के लोग कभी दूसरे का दर्द और दुख नहीं समझते. इन्हें जो करना होता है वो करके रहते हैं.
चाणक्य के मुताबिक राजा यानी शासन-प्रशासन के लोग किसी के दुख व भावनाओं को नहीं समझते हैं.
शासन-प्रशासन के लोगशासन-प्रशासन से जुड़े लोग कड़क होकर नियम और सत्य के आधार पर फैसला करते हैं.
चाणक्य नीति के अनुसार वेश्या अपने काम से और पैसे से मतलब रखती है. उसे दूसरे के दुख से कोई मतलब नहीं होता.
वेश्याचाणक्य के मुताबिक यमराज का लोगों की भावनाओं से कोई संबंध नहीं होता. समय आने पर वो किसी को नहीं छोड़ते.
यमराजयमराज को किसी के दुख दर्द से कोई मतलब नहीं होता. यम अगर पीड़ा को समझेंगे तो किसी प्राणी की मृत्यु ही नहीं होगी.
चाणक्य ने कहा है कि चोर किसी की पीड़ा नहीं समझते. उसका एक ही लक्ष्य होता है चोरी करना.
चोरउसके चोरी से सामने वाले के साथ कितनी बड़ी परेशानी हो सकती है इससे उसे कोई मतलब नहीं होता.
बच्चों को दूसरों के दर्द और दुख से कोई मतलब नहीं होता, क्योंकि उसकी बुद्धि का विकास नही हुआ होता और भावनाओं से काफी दूर होता है.
बच्चेयाचक यानी मांगने वाले भी दूसरों का दुख नहीं समझते. उन्हें बस अपनी जरूरत को पूरा करना ही पता होता है.
याचक