आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान के जीवन में स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन होता है.
जो इंसान स्वास्थ्य की परेशानियां झेलता है, उसके कई कार्य बीच में रह जाते हैं.
इसी वजह से उस व्यक्ति को और ज्यादा संकटों को झेलना पड़ता है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, आपकी सेहत शरीर के लिए खान-पान पर निर्भर करती है.
इसलिए ही कहा जाता है कि इंसान को हमेशा शुद्ध और शाकाहारी भोजन ही करना चाहिए.
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान को खाने के साथ इंसान को ज्यादा पानी नहीं पीना चाहिए.
दरअसल, कई लोगों को आदत होती है कि वे खाने के बाद या बीच में खूब पानी पीते हैं जो गलत है.
आचार्य चाणक्य के अनुसार, खाते समय ज्यादा मात्रा में पानी जहर समान होता है.
ऐसे लोगों के शरीर में बीमारियां अपना घर बना लेती हैं. हमेशा कुछ न कुछ पाचन से जुड़ी परेशानी रहती ही है.