22 Sep 2024
AajTak.In
आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र में सफल जीवन की नीतियों के साथ गृहस्थ जीवन से जुड़ी कई अहम बातें भी बताई हैं.
एक श्लोक में चाणक्य ने कहा है, 'वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्। रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।'
चाणक्य के इस श्लोक का अर्थ है, 'जीवनसाथी चुनते वक्त लोगों के कुछ खास गुण परखने चाहिए. चेहरे की खूबसूरती को पैमाना नहीं बनाना चाहिए.'
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चाणक्य कहते हैं कि ऐसा जरूरी नहीं है कि जो बाहर से खूबसूरत दिखें वो असल में अच्छे हों. जो लोग मन, विचार देखकर शादी करते हैं, हमेशा खुश रहते हैं.
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1. चाणक्य कहते हैं कि जिस व्यक्ति में धीरज होता है, वो सभी तरह की परिस्थिति को संभाल लेते हैं. ऐसे लोग परिस्थिति को ठीक करने का सामर्थ्य रखते हैं.
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2. चाणक्य जीवनसाथी को संस्कारवान होने को भी आवश्यक मानते हैं. जिनमें अच्छे संस्कारों का अभाव होता है, वो कभी पार्टनर को सम्मान नहीं देते हैं.
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3. चाणक्य कहते हैं कि गुस्सैल स्वभाव का जीवनसाथी कभी न चुनें. अगर आप किसी ऐसे शख्स से शादी करते हैं तो खुशहाल जीवन की कल्पना करना व्यर्थ है.
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यदि आप भी विवाह के लिए एक परफेक्ट पार्टनर की तलाश में हैं तो उसमें इन तीन खूबियों को देखना बिल्कुल न भूलें.