12th January 2022

चाणक्य नीति: दुश्मन को वश में करने का तरीका! 

चाणक्य की नीतियां मनुष्य के लिए जीवन के हर मोड़ पर लाभकारी साबित हो सकती हैं.

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बलवान शत्रु को उसके अनुकूल व्यवहार करके वश में करना चाहिए.

वहीं, दुष्ट शत्रु को उसके प्रतिकूल व्यवहार करके और अपने समान बल वाले शत्रु को विनय से वश में करना चाहिए.


चाणक्य का कहना है कि शत्रु को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए. वो कैसा है, कितना बलवान है ये देखकर ही उसके प्रति आगे बढ़ना चाहिए.

चाणक्य के मुताबिक, सब लोगों के साथ अलग-अलग व्यवहार करके काम निकालना चाहिए.

यदि शत्रु हमसे अधिक शक्तिशाली है तो उसके अनुकूल चलना चाहिए, यदि दुश्मन दुष्ट या बुरा है तो उससे उलटा चलना चाहिए.

अगर दुश्मन अपने समान ही शक्तिशादी है तो उसे बल से जीतना चाहिए या फिर विनयपूर्वक व्यवहार करके वश में करना चाहिए.

शत्रु पर विजय पाने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी उसके बारे में जानकारी प्राप्त करना होता है.

अगर व्यक्ति को उसके दुश्मन के बारे में पूरी जानकारी हो तो वो अपने दुश्मन को उसकी कमजोर कड़ी पर प्रहार करके आसानी से जीत हासिल कर सकता है.

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