5 मई को बुद्ध पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है. ज्योतिषियों की मानें तो बुद्ध पूर्णिमा पर पूरे 130 साल बाद चंद्र ग्रहण लगेगा.
यह एक उपच्छाया चंद्र ग्रहण होगा, जो तुला राशि और स्वाति नक्षत्र में लगेगा. चंद्र ग्रहण रात 8.45 बजे से लेकर देर रात 1.02 बजे तक रहेगा.
आइए जानते हैं कि भारत में इस चंद्र ग्रहण का कितना प्रभाव रहेगा और इसमें सूतक काल मान्य होगा या नहीं.
यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा. चंद्र ग्रहण यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका और प्रशांत महासागर जैसी जगहों पर दिखेगा.
चूंकि चंद्र ग्रहण भारत में दृश्यमान नहीं होगा, इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. भारत में इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा.
चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले सूतक काल आरंभ हो जाता है, जो ग्रहण काल के समाप्त होने के साथ ही खत्म होता है.
सूतक काल में शुभ, मांगलिक कार्य और पूजा-पाठ वर्जित होती है. इसमें मंदिरों के कपाट भी बंद रहते हैं.
सूतक काल में भगवान की मूर्तियों को स्पर्श नहीं किया जाता है. इसमें गर्भवती महिलओं को भी विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है.