2 दिन बाद लगेगा चंद्र ग्रहण, तुलसी ही नहीं ये 3 शक्तिशाली चीजें भी करेंगी बचाव

25 मार्च को होली के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है. भारत में चंद्र ग्रहण को लेकर कई धार्मिक मान्यताएं हैं, जिनमें सबसे प्रमुख है- सूतक काल.

Credit: Getty Images

चंद्र ग्रहण में सूतक काल 9 घंटे पहले लग जाता है. इसमें खाने-पीने की चीजों में तुलसी के पत्ते डालने की परंपरा होती है. ताकि इसका दुष्प्रभाव भोजन पर न पड़े.

Credit: Getty Images

क्या आप जानते हैं कि तुलसी की तरह ही कई और भी ऐसी पवित्र चीजें हैं जिनका प्रयोग ग्रहण काल में करना उत्तम और लाभकारी माना जाता है.

Credit: Getty Images

ग्रहण काल में दूर्वा घास का इस्तेमाल किया जा सकता है. दूर्वा घास को ग्रहण के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है.

दूर्वा घास

Credit: Getty Images

आप ग्रहण लगने से पूर्व दूर्वा को खाने-पीने की चीजों में रख सकते हैं. मंदिर में प्रतिमा को सुरक्षित रखने के लिए भी दूर्वा को रखा जा सकता है.

ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण काल में कई अशुभ शक्तियां जागृत होती हैं. इनमें राहु-केतु जैसे पाप ग्रहों का दुष्प्रभाव भी काफी बढ़ जाता है, जिसे एक उपाय से रोका जा सकता है.

तिल

Credit: Getty Images

राहु-केतु से बचने के लिए ग्रहण काल से पहले तिल, तेल, कोयला, काले वस्त्र दान के लिए रख लें. ग्रहण समाप्त होने के बाद इन्हें किसी जरूरतमंद को दान कर दें.

सनातन धर्म में गंगाजल को सबसे ज्यादा पवित्र और पुण्यदायी माना जाता है इसलिए ग्रहण के दौरान गंगाजल का प्रयोग बहुत ही शुभ माना जाता है.

गंगाजल

ग्रहण काल के बाद गंगाजल डालकर स्नान करने से ग्रहण के दुष्प्रभाव और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. इसलिए ग्रहण के बाद गंगाजल से स्नान जरूर करें.

Credit: Getty Images