11 नवंबर यानी आज छोटी दिवाली है. छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी और नकर चौदस भी कहा जाता है.
कहते हैं कि नरक चतुर्दशी के दिन मां लक्ष्मी, भगवान गणेश, यमराज और श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है.
पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था इसलिए इस दिन नरक चतुर्दशी मनाने का विधान है.
छोटी दिवाली की चतुर्दशी तिथि आज दोपहल 1:57 मिनट से शुरू हो चुका है और समापन 12 नवंबर यानी कल दोपहर 1:44 मिनट पर होगा.
साथ ही मृत्यु के देवता यमराज के लिए एक दीया भी जलाया जाता है और वह दीया घर की दक्षिण दिशा में ही जलाएं.
यम दीपक प्रदोष काल में जलाया जाता है. जिसका समय शाम 5:29 मिनट से लेकर रात 08:07 मिनट तक रहेगा और वृषभ काल शाम 5:46 मिनट से लेकर 7:42 मिनट तक रहेगा. इन दोनों मुहूर्तों में दीपक जलाया जा सकता है.
नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली के दिन रूप चौदस का भी त्योहार मनाया जाता है. इस दिन प्रातःकाल तिल का तेल लगा कर स्नान करने से भगवान कृष्ण रूप और सौन्दर्य प्रदान करते हैं.
नरक चतुर्दशी के दिन ईशान कोण यानि उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके पूजन करना चाहिए. पूजन मुहूर्त में एक चौकी पर पंचदेवों, श्रीगणेश, दुर्गा, शिव, विष्णु और सूर्यदेव की स्थापना करें.
उसके बाद सभी का पूजन करें और सभी देवताओं को जनेऊ, कलावा, वस्त्र और नैवेद्य अर्पित करें. इसके बाद प्रदोष काल में घर के बाहर चौखट पर एक चौमुखी दीपक जलाएं.