कार्तिक माह की अमावस्या पर जहां दीप जलाकर दीपावली मनाते हैं. वहीं, दीपावली के 15 दिन बाद कार्तिक महीने की पूर्णिमा को देवता दीपावली मनाते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा के इस पर्व को देव दिवाली के नाम से जाना जाता है. ये एक ऐसा दिन होता है, जिसमें देवी-देवताओं को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है.
कहते हैं कि इस दिन देवी-देवता स्वर्ग से गंगा नदी में स्नान के लिए आते हैं. इसलिए वाराणसी के गंगा घाट को दीयों से सजाया जाता है.
इस साल देव दिवाली का त्योहार 27 नवंबर यानी कल मनाया जाएगा. ज्योतिषियों का कहना है कि देव दिवाली के दिन 5 गलतियों से बचना चाहिए.
1. इस दिन लहसुन-प्याज या तामसिक भोजन का सेवन न करें. शराब और मांसाहारी भोजन से बचें.
2. देव दिवाली के दिन भूलकर भी तुलसी के पत्ते न तोड़ें. दरअसल ये त्योहार कार्तिक पूर्णिमा को मनाते हैं और इस दिन दिन तुलसी तोड़ना वर्जित है.
3. देव दिवाली के दिन क्रोध, ईर्ष्या और क्रूरता, जैसी भावनाएं अपने मन में न आने दें. घर में महिलाओं का अपमान बिल्कुल न करें.
4. इस दिन उपहार देते समय किसी को चमड़े की वस्तु न दें. पर्स, बेल्ट या चमड़े का कोई भी सामान देने से बचें.
5. इस दिन गंगा घाट जाकर स्नान जरूर करें. यदि ऐसा करना संभव न हो तो पानी में थोड़ा सा गंगाजल मिलाकर घर में ही स्नान कर लें.