इस साल देवउठनी का त्योहार 23 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन विष्णु जी योग निद्रा से बाहर आते हैं. इसलिए यह दिन मां लक्ष्मी को भी प्रिय है.
ज्योतिषविद कहते हैं कि इस दिन श्रीयंत्र घर में लाने से मां लक्ष्मी खिंची चली आती हैं और धनधान्य का वरदान देती हैं. इसके पीछे एक पौराणिक कथा भी है.
कथा के अनुसार, एक बार मां लक्ष्मी नाराज होकर बैकुंठ चली गईं. उनके बिना धरती पर कोहराम मच गया.
तब देवगुरू बृहस्पति ने लक्ष्मी को आकर्षित करने के लिए 'श्रीयंत्र' की स्थापना और पूजन का उपाय सुझाया. इसके बाद मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आने के लिए विवश हो गईं.
श्री यंत्र की सिद्धि भगवन शंकराचार्य ने की थी. यह दुनिया का सबसे ताकतवर यंत्र है. इसे धन का प्रतीक भी मानते हैं.
श्रीयंत्र कई तरह का होता है. समतल, उभरा हुआ और पिरामिड जैसा. हर तरह का श्री यंत्र अलग तरीके से लाभ देता है.
स्फटिक का पिरामिड वाला श्रीयंत्र पूजा के स्थान पर स्थापित करें. इसे गुलाबी कपड़े या छोटी सी चौकी पर स्थापित करें.
रोज सुबह इस यंत्र को जल से स्नान कराएं और फूल चढ़ाएं. फिर घी का दीपक जलाकर श्री यंत्र के मंत्र का जाप करें.
मंत्र होगा - श्रीं ह्रीं क्लीं एं सौ: ऊं ह्रीं श्रीं क ए इ ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं सौ: एं क्लीं ह्रीं श्रीं