148 दिन बाद निद्रा से जागेंगे श्री हरि, तिजोरी में रखें समुद्र मंथन से निकली ये एक चीज

हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. 

इस बार देव उठनी एकादशी 23 नवंबर, गुरुवार की है. 148 दिन बाद श्री हरि योग निद्रा से जागेंगे और पांच महीने के चातुर्मास का समापन भी होगा. 

श्री हरि का योग निद्रा से जागना बेहद शुभ माना जाता है क्योंकि इसी दिन से सभी मांगलिक कार्यों की भी शुरुआत हो जाती है. 

कहते हैं कि देव उठनी एकादशी पर समुद्र मंथन से निकली कोई एक चीज तिजोरी में रखने से इंसान की सोई हुई तकदीर जाग जाती है. 

समुद्र मंथन से 14 बहुमूल्य रत्न निकले थे. तो आइए जानते हैं कि कौन सी चीज तिजोरी में रखें. 

समुद्र मंथन से ही माता लक्ष्मी का जन्म हुआ था. अगर देव उठनी एकादशी पर माता लक्ष्मी की सुंदर मूर्ति लाकर घर की तिजोरी में रख दी जाए तो धन दौलत की प्राप्ति होने लगती है.  

माता लक्ष्मी

भगवान धन्वंतरी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे. कहते हैं कि जिस भी घर में देव उठनी एकादशी के दिन अमृत कलश की स्थापना की जाए, उस घर से दुख दूर हो जाता है. घर में बरकत बनी रहती है. 

अमृत कलश

कौस्तुभ मणि की उत्पत्ति भी समुद्र मंथन से हुई थी. जिस घर की तिजोरी में कौस्तुभ मणि लाकर रखी जाए, उस घर की आर्थिक स्थिति मजबूत रहती है. 

कौस्तुभ मणि

ऐरावत हाथी समुद्र मंथन से जन्मा था. यह हाथी देखने में बेहद सुंदर होता है. घर की तिजोरी में अगर ऐरावत हाथी स्थापित किया जाए, तो घर उजाले से भर जाता है और धन की बरसात होने लगती है. 

ऐरावत हाथी