ब्रिज नगरी मथुरा भगवान कृष्ण की लीलाओं और उनकी कथाओं के लिए प्रसिद्ध है.
इसके अलावा यहां के पेड़ों के स्वाद की प्रसिद्धि भी दूर-दूर तक फैली हुई है.
क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा मंदिर है, जहाँ असली पेड़ो की जगह मिट्टी के पेड़े चढ़ाए जाते हैं.
गोकुल स्थित यमुना के ब्रह्मांड घाट पर ब्रह्मांड बिहारी का मंदिर है, यहां उन्हें मिट्टी से बने पेड़ों का भोग लगाया जाता है. वहीं श्रद्धालु भी इसे प्रसाद के रूप में बड़े चाव से खाते हैं.
मान्यता है कि इसी स्थान पर माता यशोदा को भगवान कृष्ण ने ब्रह्मांड के दर्शन कराए थें.
कहा जाता है कि यदि कोई बच्चा मिट्टी खाता है और उसे इस पेड़े को खिला दिया जाए तो वह मिट्टी खाना छोड़ देता है.
इन पेड़ो को बनाने के लिए बरसात के मौसम में यमुना के घाटों के निकट से मिट्टी निकलवाई जाती है, उसे सुखाया जाता है फिर सूखी मिट्टी को कूट और छान कर मिठाई तैयार की जाती है.
इसके अलावा पेड़ो की बिक्री से जितनी भी आमदनी होती है उस आय को बिहारी जी की सेवा में लगाया जाता है.