देव उठनी एकादशी साल की सबसे बड़ी एकादशी मानी जाती है. इस बार देव उठनी एकादशी 23 नवंबर, गुरुवार की है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देव उठनी एकादशी का व्रत रखा जाता है.
देव उठनी एकादशी को देवोत्थान एकादशी और देव प्रबोधिनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. देव उठनी एकादशी के अगले दिन तुलसी विवाह मनाया जाता है.
विष्णु पुराण के अनुसार, आषाढ़ की एकादशी को भगवान विष्णु ने शंखासुर नामक भयंकर राक्षस को मारा और फिर थकान के बाद सो गए.
लेकिन, देव उठनी एकादशी पर गरीबी दूर करने के लिए एक खास कार्य किया जाता है वो है सूप को गन्ने से पीटना.
देवउठनी एकादशी के दिन गन्ने और सूप को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है. तो आखिरी इस दिन क्यों गन्ने से सूप को पीटा जाता है. जानते हैं इसके पीछे का कारण.
इस दिन गन्ने और सूप बेहद महत्वपूर्ण माने जाते हैं. दरअसल, इस एकादशी से किसान अपनी फसलों की कटाई करने की शुरुआत करते हैं.
उस कटाई से पहले गन्ने की उपासना की जाती है और उसे भगवान विष्णु के समक्ष चढ़ाया जाता है. भगवान विष्णु को अर्पित करने के बाद गन्ने को प्रसाद के रूप में बांटा जाता है.
साथ ही इस दिन गन्ने से सूप पीटने का कार्य भी किया जाता है. ऐसी मान्यता है कि सूप पीटने से घर से गरीबी दूर भागती है और पैसों की बरसात होती है.