पूरे देश में धनतेरस का त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार धनतेरस 10 नवंबर यानी कल मनाई जा रही है.
धनतेरस का त्योहार दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है. इस बार दिवाली 12 नवंबर, रविवार की है.
धनतेरस को धन त्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है. धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, कुबेर देवता और भगवान धनवंतरी की उपासना की जाती है.
धनतेरस की त्रयोदशी तिथि 10 नवंबर यानी कल दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर शुरू होगी और समापन 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट पर होगा.
धनतेरस का पूजन मुहूर्त शाम 5 बजकर 47 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त की अवधि 1 घंटा 56 मिनट की रहेगी.
प्रदोष काल शाम 5 बजकर 30 मिनट से लेकर शाम 8 बजकर 8 मिनट तक रहेगा और कल वृषभ काल शाम 5 बजकर 47 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 43 मिनट तक रहेगा. इस मुहूर्त में भी धनतेरस का पूजन किया जा सकता है.
खरीदारी के लिए अभिजीत मुहूर्त सबसे शुभ है जिसका समय सुबह 11 बजकर 43 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक रहेगा. हालांकि, धनतेरस पर पूरे दिन खरीदारी करी जा सकती है.
धनतेरस पर सोना, चांदी और लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां, झाड़ू जरूर खरीदें. साथ ही इस दिन कांच, चीनी मिट्टी, प्लास्टिक, लोहा या स्टील से बनी कोई वस्तु न खरीदें.
धनतेरस के दिन पूजन के लिए उत्तर या पूर्व दिशा शुभ मानी जाती है. उसके बाद एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर, उसपर मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की मूर्ति स्थापना करें. उसके बाद धन्वंतरी देवता की पूजा करें.
उसके बाद धन्वंतरी देव के सामने धूप और दीपक जलाएं. फिर उनके मस्तक पर हल्दी, कुमकुम लगाएं और फूल चढ़ाएं. अंत में उनके मंत्रों का जाप करें.