धनतेरस का त्योहार 2 नवंबर को मनाया जाएगा. इस दिन खरीदारी के साथ ही दीपक जलाने का भी खास महत्व होता है.
वास्तुशास्त्र के अनुसार धनतेरस से दीपक जलाने की शुरुआत की जाती है जो लगातार 5 दिनों तक चलता है.
कई जगहों पर दिवाली लाभ पंचमी तक मनाई जाती है. इन 10 दिनों में दीपोत्सव का पर्व मनाया जाता और तरह-तरह के दीपक जलाकर मां लक्ष्मी का स्वागत किया जाता है.
आइए ज्योतिष के अनुसार जानते हैं धनतेरस से लेकर लाभ पंचमी तक किस दिशा में कौन सा विशेष दीपक जलाने से आपको लाभ मिलेगा.
घर का मुख्य द्वार आग्नेय कोण की तरफ है तो चमेली या कोई भी सुगंधित तेल का दीपक जलाएं.
अगर चमेली का तेल नहीं तो आप सरसों के तेल में चमेली का इत्र डालकर भी दीपक जला सकते हैं. इसमें काली राई भी डाल सकते हैं.
अगर घर का मुख्य द्वार नैरेत्य कोण यानी दक्षिण-पश्चिम की तरफ है तो इस दिशा में सरसों के तेल में लौंग डालकर दीपक जलाएं.
घर का मुख्य द्वार पश्चिम दिशा की तरफ होने से तिल के तेल में काली किशमिश डालकर दीपक जलाना चाहिए.
अगर आपका घर वायव्य कोण यानी उत्तर-पश्चिम दिशा की ओर है तो धनतेरस के दिन नारियल के तेल में मिश्री डालकर दीपक जलाएं.
अगर घर का मुख्य द्वार उत्तर दिशा की तरफ है धनतेरस के दिन इस दिशा में नारियल तेल का दीपक जलाएं. इसमें इलायची जरूर डालें.
मुख्य द्वार ईशान कोण में है तो घी का दीपक जलाएं. इसमें एक चुटकी हल्दी जरूर मिलाएं.
अगर आपका घर पूर्व दिशा में है तो इस दिन लाल तेल का दीपक जलाएं और इसमें थोड़ा सा कुमकुम जरूर मिला दें.