हर साल कार्तिक अमावस्या पर दिवाली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल दिवाली का पर्व 12 नंवबर को यानी कल मनाया जाएगा.
दिवाली की शाम मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की संयुक्त पूजा से धनधान्य में वृद्धि होती है. दीपावली के दिन कुछ गलतियां करने से मां लक्ष्मी नाराज होती हैं.
दिवाली के दिन सुबह देर तक सोते ना रह जाएं. जल्दी उठें और पूजा-पाठ करें. दिवाली के दिन नाखून काटना, शेविंग जैसे कार्य नहीं किए जाते हैं.
दिवाली पूजा में मूर्तियों को निश्चित क्रम में रखना जरूरी है. बाएं से दाएं भगवान गणेश, लक्ष्मी जी, भगवान विष्णु, मां सरस्वती और मां काली की मूर्तियां रखें.
लक्ष्मी की पूजा में जोर-जोर से तालियां नहीं बजानी चाहिए. आरती बहुत तेज आवाज में नहीं गाएं. कहा जाता है कि मां लक्ष्मी शोर से रुष्ट हो जाती हैं.
दिवाली की पूजा के बाद पूजा कक्ष को बिखरा हुआ न छोड़ें. पूजा में अखंड ज्योति जलाएं और उसमें घी डालते रहें. ताकि वो रातभर जलती रहे.
उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा कक्ष होना चाहिए. घर के सभी सदस्यों को पूजा के दौरान उत्तर की ओर मुंह करके बैठना चाहिए.
गणेश भगवान की मूर्ति बैठी हुई मुद्रा में न हो. उनकी सूंड दाईं तरफ ना हो. ज्यादा से ज्यादा लाल रंग का प्रयोग करें.
दिवाली के दिन मांस और शराब-धूम्रपान इत्यादि से दूर रहना चाहिए. इस दिन हो सके तो सात्विक भोजन ग्रहण करें.