सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय नहीं करनी चाहिए ये गलतियां, हो सकती है बड़ी भूल

सूर्यदेव को अर्घ्य देते समय नहीं करनी चाहिए ये गलतियां, हो सकती है बड़ी भूल

सनातन धर्म में सूर्य देव को पंच देवों में से एक माना जाता है. सूर्यदेव ग्रहों के राजा माने जाते हैं.

सूर्यदेव द्वारा व्यक्ति को जीवन में ऊर्जा, शक्ति और बल की प्राप्ति होती है. हिंदू पंचांग के अनुसार, रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है. 

सूर्य देव का दूसरा नाम भगवान भास्कर है. कहते हैं कि सूर्य देव को अर्घ्य देना सबसे शुभ माना जाता है. 

जो लोग प्रतिदिन सूर्यदेव को अर्घ्य देते हैं, उनके मान सम्मान में हमेशा तेजी रहती है. साथ ही जीवन से सभी बाधाएं दूर हो जाती है. 

तो आइए जानते हैं कि सूर्य को जल चढ़ाते समय किन बातों का ख्याल रखना चाहिए. 

सूर्य देव को अर्घ्य देने के लिए तांबे के पात्र का प्रयोग करें, कभी भी स्टील, प्लास्टिक और कांच की बोतल से अर्घ्य न दें.

सूर्य को अर्घ्य देते समय लोटे में लाल पुष्प, कुमकुम और चावल डालना बेहद शुभ माना जाता है. 

सूर्य को अर्घ्य हमेशा पूर्व की तरफ मुख करके ही देना चाहिए. ध्यान रहे कि जल अर्पित करते समय सूर्य की किरणें उस धार में दिखनी चाहिए.

जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्रों का जप करना न भूलें.

सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान जल पात्र को दोनों हाथों से पकड़कर सिर के ऊपर से जल देना चाहिए. 

सूर्य को जल देते समय इस बात का ख्याल भी रखना चाहिए कि जल की छीटें पैरों पर नहीं पड़नी चाहिए. ऐसा करना बेहद अशुभ माना जाता है.