11 oct 2024
aajtak.in
दशहरे के दिन ही भगवान राम ने रावण पर विजय प्राप्त की थी. यह त्योहार बुराई पर अच्छाई का पर्व है.
इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए. इससे सम्पूर्ण बाधाओं का नाश होगा और जीवन में विजय श्री प्राप्त होगी.
दशहरे का पर्व 12 अक्टूबर यानी कल मनाया जाएगा. दशहरा को विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है.
इसके अलावा, दशहरा के दिन अस्त्र शस्त्रों की भी पूजा की जाती है और साथ ही विजय पर्व भी मनाया जाता है.
दशमी तिथि 12 अक्टूबर यानी कल सुबह 10:58 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 13 अक्टूबर को सुबह 09:08 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, दशहरा 12 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा.
पूजन के लिए कल सुबह 11:44 मिनट से लेकर 12:30 मिनट का समय मिलेगा. फिर, दोपहर 02:03 मिनट से लेकर 02:49 मिनट तक का समय मिलेगा, जो कि 46 मिनट का है. और अपराह्न पूजा यानी देवी अपराजिता की पूजा का समय दोपहर 01:17 मिनट से लेकर 03:35 मिनट रहेगा.
आपको बता दें कि रावण दहन प्रदोष काल में किया जाता है. इसलिए, रावण दहन का समय शाम 5:53 मिनट से लेकर शाम 7:27 मिनट तक रहेगा.
दोपहर बाद पहले देवी की और फिर श्रीराम की पूजा करें. देवी और श्रीराम के मंत्रों का जप करें. अगर आपने कलश की स्थापना की है तो नारियल हटा लें और फिर उस नारियल को प्रसाद के रूप में ग्रहण करें.
फिर, कलश का जल पूरे घर में छिड़क दें ताकि घर की नकारात्मक खत्म हो. जिस स्थान पर नवरात्रि पूजा की है उस स्थान पर रात्रि भर दीपक जलाएं.
अगर आप शस्त्र पूजा करना चाहते हैं तो शस्त्र पर तिलक लगाकर रक्षासूत्र बांधें.