10 OCT 2024
aajtak.in
दशहरा हिंदुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, दशहरा आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है.
इस बार दशहरा 12 अक्टूबर, शनिवार को मनाया जाएगा. दशहरा का पर्व बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना जाता है इसलिए, दशहरा को विजयदशमी के नाम से जाना जाता है.
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का वध करके माता सीता को उसके चुंगल से आजाद कराया था. इसी कारण इस दिन रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला जलाया जाता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह की दशमी तिथि 12 अक्टूबर, शनिवार को सुबह 10:58 मिनट पर शुरू होगी और इसका समापन 13 अक्टूबर, रविवार को सुबह 9:08 पर होगा.
साथ ही, श्रावण नक्षत्र 12 अक्टूबर को सुबह 5:25 मिनट से शुरू होगा और 13 अक्टूबर को सुबह 4:27 मिनट पर समाप्त होगा.
वहीं, दशहरा के पूजन के लिए दोपहर 02:03 मिनट से लेकर 02:49 मिनट तक का समय मिलेगा. जो कि 46 मिनट का है. और अपराह्न पूजा का समय दोपहर 01:17 मिनट से लेकर 03:35 मिनट रहेगा.
दशहरा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, शश योग और मालव्य राजयोग का निर्माण होने जा रहा है.
दशहरा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें. इसके बाद गेहूं या फिर चूने से दशहरा की प्रतिमा बनाएं. इसके बाद गाय के गोबर से नौ उपले बना लें. इन कंडों पर जौ और दही लगाएं.
इस दिन लोग अपने बहीखाता की भी पूजा करते हैं. आप अपने बहीखाते पर भी जौ, रोली इत्यादि चढ़ाएं. ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन कराएं और सामर्थ्य अनुसार उन्हें दान दें.