इस बार गणेश चतुर्थी 19 सितंबर, मंगलवार को मनाई जाएगी और 28 सितंबर को समापन होगा. गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी और कलंक चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है.
हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सबसे पूजनीय माना जाता है, इसलिए हर काम करने से पहले श्री गणेश की ही पूजा की जाती है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. माना जाता है कि इस दिन भगवान गणेश प्रकट हुए थे.
इस दिन गणेश जी धरती पर आकर भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
उदयातिथि के अनुसार, गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को मनाई जाएगी. इस बार चतुर्थी तिथि का आरंभ 18 सितंबर को दिन में 12:39 मिनट पर होगा और समापन 19 सितंबर को दिन में 1:43 मिनट पर होगा.
19 सितंबर को श्री गणेश पूजन का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 1 मिनट से लेकर दिन में 01 बजकर 28 मिनट तक रहेगा. इस बीच आप बप्पा की मूर्ति स्थापना के साथ पूजन भी कर सकते हैं.
सुबह स्नान करने के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा लें और उसको साफ करें. फिर एक कलश में जल भरकर, उस पर गणेश जी को स्थापित करें. उसके बाद गणेश जी को सिंदूर, दूर्वा, घी चढ़ाएं और 21 मोदक का भोग लगाएं.
अगर आप आर्थिक तंगी से परेशान हैं तो गणेश चतुर्थी के दिन घर में चौमुखी दीपक जलाएं और साथ ही ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप जरूर करें.
बिजनेस में तरक्की के लिए गणेश चतुर्थी के दिन श्री गणेश को दूर्वा के साथ ही गुड़हल से बनी फूलों की माला चढ़ाएं.