इस बार गणेश चतुर्थी 19 सितंबर यानी कल मनाई जाएगी. हिंदू पंचांग के अनुसार, गणेश चतुर्थी भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है.
मान्यता के अनुसार, इस दिन गणेश जी धरती पर आकर अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.
गणेश चतुर्थी का पर्व अनंत चतुर्दशी तक चलता है. यह त्योहार ज्यादातर महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है.
इस बार की गणेश चतुर्थी बेहद खास मानी जा रही है. दरअसल, इस बार गणेश चतुर्थी पर एक साथ ब्रह्म योग, शुक्ल योग, शुभ योग बनने जा रहा है.
चतुर्थी तिथि की शुरुआत 18 सितंबर यानी आज दिन में 12:39 मिनट पर होगी और समापन 19 सितंबर यानी कल दिन में 1:43 मिनट पर होगा.
19 सितंबर यानी कल पूजन मुहूर्त सुबह 11:01 मिनट से लेकर दिन में 1:28 मिनट तक रहेगा. अवधि सिर्फ 2 घंटे 27 मिनट की होगी. अतिशुभ मुहूर्त दोपहर 12:52 से दोपहर 2:56 बजे तक है.
गणेश चतुर्थी के दिन ब्रह्म, शुक्ल और शुभ योग बन रहे हैं. ऐसा संयोग 300 सालों में एक बार देखने को मिलता है. इसके साथ स्वाति और विशाखा नक्षत्र का भी योग है.
गणेश चतुर्थी मिथुन, मेष, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए बेहद शुभ रहने वाली है.
सुबह स्नान करने के बाद भगवान गणेश की प्रतिमा लें और उसको साफ करें. फिर एक कलश में जल भरकर, उस पर गणेश जी को स्थापित करें. उसके बाद गणेश जी को सिंदूर, दूर्वा, घी चढ़ाएं और 21 मोदक का भोग लगाएं.