06 Sep 2024
By: Aajtak.in
गणपति बप्पा को मोदक से लेकर लड्डू तक बहुत प्रिय हैं. इन्हीं में से एक दूर्वा भी है.
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अब सवाल उठता है कि सड़क किनारे उगने वाली यह घास भगवान गणेश को आखिर इतनी प्रिय क्यों है.
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पौराणिक कथाओं के अनुसार, अलनासुर नामक एक दैत्य देवताओं से लेकर ऋषियों तक को परेशान कर रहा था. उस समय भगवान शिव ने देवताओं के आग्रह पर गणपति को उसका वध करने का आदेश दिया था.
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लंबे समय तक गणेश जी और दैत्य में युद्ध चला. इस युद्ध और दैत्य को समाप्त करने के लिए गणेश जी अलनासुर को जिंदा निगल गए थे, जिस कारण से उनके पेट में बहुत जलन होने लगी थी.
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गणपति गणेश की इस जलन को शांत करने के लिए ऋषि कश्यप ने उन्हें दूर्वा खाने के लिए दी थी. तभी से दूर्वा गणपति को प्रिय है और उनकी पूजा इसके बिना अधूरी मानी जाती है.
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बुधवार के दिन गणपति को दूर्वा चढ़ाना बहुत शुभ और फलदाई माना जाता है. इससे आपके धन धान्य में वृद्धि होगी और बाकी परेशानियां भी हल होती हैं.
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हम आपको इसके कुछ खास उपायों के बारे में बताएंगे, जो गणेश चतुर्थी के शुभ अवसर पर आप कर सकते हैं.
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अपनी तिजोरी को हमेशा भरा रखने के लिए हर बुधवार 21 दूर्वा को मिलाकर कलावे से बांध लें. ऐसा करने के बाद 10 दिन तक उससे गणेश जी को जल अर्पित करें.
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कारोबार में तरक्की पाने के लिए हल्दी की गांठ के साथ दूर्वा लें और उन्हें पीले कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रख दें. गणेश चतुर्थी से अनंत चतुदर्शी तक इसे घर में रखने के बाद किसी पवित्र नदी में प्रवाहित कर दें.
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अगर आपके घर में तमाम कोशिशों के बाद भी लड़ाई झगड़े खत्म नहीं हो रहे हैं, तो गणेश चतुर्थी से गाय को दूर्वा खिलाना शुरू करें और ऐसा लगातार 11 बुधवार तक करें.
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