इंजीनियर से संत बने गौर गोपाल दास, बताया सुबह 3 बजे उठने से रात तक क्या करते हैं?

1 Mar 2024

गौर गोपाल दास संत होने के साथ ही लाइफस्टाइल कोच और मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं.

गौर गोपाल दास

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गौर गोपाल दास का जन्म महाराष्ट्र के वंबोरी शहर में हुआ था. उन्होंने कुसरो वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, पुणे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है. 

इंजीनियर हैं गौर गोपाल दास

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गौर गोपाल दास ने संत बनने के बाद एक इंटरव्यू में बताया था, 'जब मैं जॉब कर रहा था, तब मुझे अहसास हुआ था कि मैं अपना अधिकतर समय जॉब में बिता रहा हूं?' 

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'फिर मेरे मन में कुछ सवाल आने लगे कि क्या मैं सही कर रहा हूं? क्या मैं अपने आपसे संतुष्ट हूं? क्या मैं अपने मन की आवाज सुन पा रहा हूं? बस इसके बाद मैंने संत बनने का फैसला ले लिया था.'

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एक दूसरे इंटरव्यू से जब उनसे उनके डेली रूटीन के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया, 'मेरा दिन रोजाना सुबह 3 या 3.15 बजे के आसपास शुरू होता है. अगर कभी फ्लाइट के कारण लेट सोता हूं तो 3.30 से 4 बज जाते हैं.'

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'इसके बाद 7 बजे तक आश्रम में ग्रुप मेडिटेशन होता है. फिर ब्रेकफास्ट करते हैं और फिर कुछ स्प्रिचुअल प्रिंसिपल्स, स्ट्रक्चर्स पर डिस्कशन्स होते हैं.'

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'9 बजे के बाद अपने लिए कुछ समय मिलता है जिसमें हम अपने काम करते हैं.12-12.30 के आसपास लंच होता है और उसके बाद फिर कुछ डिस्कशंस होते हैं.'

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'मैं काफी ट्रेवल करता हूं. एक साल में करीब 150-180 फ्लाइट लेता हूं. मुझे कॉर्पोरेट ऑफिसेस में जाना होता है जिसमें काफी समय जाता है.'

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'इसके बाद शाम को फिर मेडिटेशन और क्लासेस होते हैं और फिर शाम को हल्का खाने का बाद बेड पर जाने से पहले मेडिटेशन करता हूं.'

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