मां लक्ष्मी के हैं 8 स्वरूप, देवउठनी पर इनकी पूजा से घर में होगी पैसों की बारिश

23 NOV 2023

धन-संपन्नता पाने के लिए मां लक्ष्मी की आराधना की जाती है. मां लक्ष्मी के 8 अलग-अलग स्वरूप हैं, जिन्हें अष्टलक्ष्मी कहा गया है.

अष्टलक्ष्मी अपने नाम के अनुसार फल देती हैं. 23 नवंबर को देवउठनी एकादशी है और इस दिन अष्ट लक्ष्मी की पूजा से आपको बड़े लाभ मिल सकते हैं.

देवी लक्ष्मी का पहला अवतार ऋषि भृगु की बेटी के रूप में है. इन्हें मूललक्ष्मी और आदिशक्ति भी कहा जाता है. ये खुशहाल जीवन और दीर्घ आयु का वरदान देती हैं.

1. आदि लक्ष्मी

धन और वैभव से परिपूर्ण करने वाला धन लक्ष्मी के हाथ में धन से भरा कलश है. एक हाथ में कमल का फूल है. इनकी पूजा से आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं.

2. धन लक्ष्मी

धान्य का अर्थ है- अन्न संपदा. इन्हें माता अन्नपूर्णा का स्वरूप भी माना जाता है. जिन घरों में अन्न का अनादर नहीं होता है, वहां देवी की कृपा हमेशा बनी रहती है.

3. धान्य लक्ष्मी

धान्य का अर्थ है- अन्न संपदा. इन्हें माता अन्नपूर्णा का स्वरूप भी माना जाता है. जिन घरों में अन्न का अनादर नहीं होता है, वहां देवी की कृपा हमेशा बनी रहती है.

4. गज लक्ष्मी

संतान लक्ष्मी को संतान की देवी कहा गया है. ये देवी भक्तों की रक्षा अपनी संतान के समान करती हैं. इनकी पूजा से योग्य संतान की प्राप्ति होती है.

5. संतान लक्ष्मी

अपने नाम के अनुसार ये देवी वीर और साहसी लोगों की आराध्य हैं. कहते हैं कि इनकी उपासना से युद्ध में विजय मिलती है. मां वीर लक्ष्मी हमेशा अपने भक्तों की रक्षा करती हैं.

6. वीर लक्ष्मी

इन्हें जय लक्ष्मी भी कहा जाता है. इस स्वरूप में माता विजय प्रदान करने वाली हैं. कोर्ट-कचहरी जैसे मामलों में देवी की उपासना बेहद मंगलकारी मानी जाती है.

7. विजय लक्ष्मी

ये देवी जीवन में बुद्धि और ज्ञान से संबंध रखती हैं. इनका स्वरूप मां दुर्गा के दूसरें स्वरूप मां ब्रह्मचारिणी से मिलता-जुलता है. इनकी पूजा से ज्ञान में वृद्धि होती है.

8. विद्या लक्ष्मी