सनातन धर्म में में माता लक्ष्मी को धन की देवी माना गया है. कहते हैं कि देवी लक्ष्मी जिस घर में विराजमान होती हैं, वहां कभी धन का संकट नहीं रहता है.
ऐसा कहा जाता है कि माता लक्ष्मी दो तरह के लोगों के घर में कभी प्रवेश नहीं करती हैं. ऐसे घर में हमेशा दरिद्रता का साया रहता है.
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सिहोर वाले पंडित प्रदीप मिश्रा ने वराह पुराण का हवाला देते हुए बताया है कि शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक प्रदोष काल में शिव भ्रमण करते हैं.
इसके बाद शाम करीब 7 बजे से रात 9 बजे के बीच लक्ष्मी और दरिद्रता एकसाथ भ्रमण पर निकलती हैं. लेकिन लक्ष्मी 2 तरह के लोगों के घर नहीं जाती हैं.
1. पंडित प्रदीप मिश्रा के अनुसार, जिन लोगों के मुख्य द्वार पर हमेशा गंदगी रहती है. मां लक्ष्मी उनके घर कभी प्रवेश नहीं करती हैं.
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ऐसे लोगों को हमेशा मुख्य द्वार पर जल छिड़कना चाहिए. रंगोली बनानी चाहिए. दीपक जलाना चाहिए. सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए.
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2. इसके अलावा जो लोग सूर्योदय के बाद भी चादर तानकर सोते रहते हैं, उनके यहां भी देवी लक्ष्मी का वास कभी नहीं होता है.
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इन दोनों तरह के लोगों के घर लक्ष्मी की जगह दरिद्रता प्रवेश करती है और सारी सुख-संपन्नता को तबाह कर देती है.