ज्योतिष शास्त्र में गोधूली बेला को बहुत की अच्छा माना जाता है. शास्त्रों के मुताबिक, गोधूली वेला संध्या बेला कहलाती है.
गोधूली बेला का समय शाम 5 बजे से 7 बजे तक रहता है. माना जाता है कि इस वेला में गाय अपने घर लौटती हैं और पशु पक्षी अपने घोंसलों में लौट जाते हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार गोधूली बेला में पूजा पाठ करना और मांगलिक कार्य करना बेहद शुभ माना जाता है. इस वेला को मंगलबेला भी कहा जाता है.
तो चलिए जानते हैं कि गोधूली वेला जैसी शुभ घड़ी में कौन से कार्य करने से घर में मां लक्ष्मी का वास होता है.
गोधूली वेला में तुलसी, पीपल और बरगद के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से माता लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और धन समृद्धि के योग बनते हैं.
गोधूली वेला में नित्य रूप से पूजा पाठ करना चाहिए. साथ ही भगवान के आगे दीपक जलाना चाहिए. ऐसा करने से घर में धन की कमी नहीं होती है.
कहते हैं कि गोधूली वेला में आरती करना भी शुभ माना जाता है. ऐसा करने से सभी पाप और रोग मुक्त हो जाते हैं.
संध्या काल या गोधूली वेला में व्यक्ति मौन रहता है तो वह सभी संकटों से मुक्त रहता है.
इस काल में अपने ईष्ट देवता को याद करना चाहिए. इससे सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.