बृहस्पति को देवताओं और शुक्र को असुरों का गुरु माना गया है. इसलिए इन दोनों को एक दूसरे का शत्रु ग्रह कहा जाता है. गुरु और शुक्र ग्रह दोनों एक साथ अस्त हो गए हैं.
शुक्र 28 अप्रैल को मेष राशि में अस्त हुए थे और अब 11 जुलाई को उदय होंगे. जबकि गुरु 3 मई को वृषभ राशि में अस्त हुए थे और अब वो 3 जून को उदय होंगे.
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ज्योतिष गणना के अनुसार, गुरु और शुक्र के एकसाथ अस्त होने की ऐसी स्थिति 24 साल बाद बन रही है. अस्त होकर ये ग्रह कुछ लोगों की किस्मत का खेल बिगाड़ सकते हैं.
वृषभ- आपको कार्यक्षेत्र में मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. नौकरी-व्यापार में घाटा हो सकता है. धन की आवक पहले की तुलना में कम रहेगी.
पेशेवर जीवन में सफलता पाने के लिए आपको अधिक प्रयास करने होंगे. घर-परिवार में हुए विवाद तनाव की वजह बन सकते हैं. स्वास्थ्य का ख्याल रखें.
सिंह- आर्थिक मोर्चे पर स्थिति कष्टकारी साबित हो सकती है. नौकरीपेशा जातकों में असंतोष रहेगा. नौकरी बदलने का ख्याल मन में आ सकता है. धन हानि के योग भी हैं.
वृश्चिक- आपको मनचाहा फल मिलने में समस्या होगी. जरूरी कार्यों में बाधाएं आ सकती हैं. रोग-बीमारियों पर खर्चे बढ़ सकते हैं. धन का संचय मुश्किल होगा.
व्यापारी वर्ग के लिए भी समय मुश्किल है. कम मुनाफा कमाने के लिए भी अधिक प्रयास करने होंगे. पार्टनर के साथ मनमुटाव बढ़ सकता है. वाद-विवादों से दूर रहें.