By Aajtak.in
आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा कहा जाता है. यह दिन महर्षि वेदव्यास को समर्पित है और इस दिन देवगुरु बृहस्पति की भी पूजा की जाती है.
शास्त्रों में गुरु को ईश्वर से भी बड़ा दर्जा दिया गया है, इसलिए इस दिन का विशेष महत्व है. इस साल गुरु पूर्णिणा 3 जुलाई को है.
गुरु पूर्णिमा पर प्रत्येक छात्र को जीवन में कुछ गलतियां न करने का संकल्प लेना चाहिए. ये गलतियां करने वाले लोग कभी सफल नहीं होते.
1. गुरु के आसन पर शिष्य को कभी नहीं बैठना चाहिए. गुरु का दर्जा भगवान से भी ऊपर होता है. इसलिए गुरु के आसान पर कभी न बैठें.
2. गुरु के मुख की ओर कभी पैर करके ना बैठें. ऐसा करने से भी गुरु का अपमान होता है.
3. गुरु के सामने कभी अभद्र भाषा का प्रयोग न करें. गुरु के मन को ठेस पहुंचाने वाले अपशब्द कभी जुबान पर न लाएं.
4. गुरु के सामने कभी दौलत-शोहरत का रौब नहीं दिखाना चाहिए. गुरु की वाणी का एक-एक शब्द आपकी तमाम संपत्ति पर भारी है.
5. हमें भूलकर भी कभी गुरु की बुराई किसी और के आगे नहीं करनी चाहिए. यह घोर अनर्थ है. दूसरों को भी ऐसा करने से रोकें.