हनुमान जी की अलौकिक शक्तियां जग जाहिर हैं. लेकिन हर युग में हनुमान के अलावा और भी कई शक्तिशाली योद्धा रहे हैं.
द्वापर युग में जन्मे ऐसे ही एक वीर योद्धा का नाम है- भीम. महाभारत में भीम के महाबलशाली होने के प्रमाण मिलते हैं.
भीम के पास 10 हजार हाथियों की ताकत थी. उन्हें अपनी शक्तियों पर बहुत अभिमान था. उनके इसी घमंड को हनुमान ने तोड़ा था.
एक बार भीम द्रौपदी के कहने पर कमल पुष्प लेने के लिए गंधमादन पर्वत पर स्थित कमल सरोवर के पास पहुंच गए.
तभी उन्हें बीच रास्ते पर हनुमान जी लेटे हुए मिल गए. हनुमान की पूंछ भीम के रास्ते को घेरे हुई थी. भीम इसे लांघकर नहीं जाना चाहते थे.
भीम ने हनुमान को पहचाने बिना ही उनसे पूंछ हटाने को कहा. हनुमान ने मुस्कुराते हुए भीम की बातों को अनसुना कर दिया.
थोड़ी देर बाद हनुमान जी ने भीम से कहा, 'मैं विश्राम कर रहा हूं. तुम बलशाली हो. खुद मेरी पूंछ हाटकर निकल जाओ.'
यह सुनते ही भीम क्रोधित हो गए और दोनों हाथों से हनुमान की पूंछ हटाने का प्रयास करने लगे. भीम पूंछ को हटाना तो दूर हिला भी न सके.
हनुमान ने भीम के बलशाली होने का घमंड क्षण भर में तोड़ दिया. आखिर में उन्होंने पहले हनुमान से क्षमा मांगी और फिर उनसे परिचय लिया.
तब हनुमान जी मुस्कुराए और फिर अपने विराट स्वरूप का दर्शन भीम को कराया. भीम हनुमान जी का आशीर्वाद लेकर वापस लौट गए.