हर व्यक्ति की चाहत होती है कि अपना घर या आलाशीन मकान हो.
मेहनत से धन इकट्ठा करने के बाद कहीं जाकर अपने घर का सपना पूरा होता है.
जबकि कुछ लोगों की किस्मत में पैतृक घर यानी पुश्तैनी मकान होता है.
आइए जानते हैं हस्तरेखा शास्त्र में कहां और कैसा बनता दिखाई देता है आपके अपने घर का योग.
हस्त रेखा के अनुसार जिन व्यक्ति के हाथ का अंगूठा कम खुलता है, वे छोटे मकान में रहते हैं.
व्यक्ति की हथेली पर मंगल का क्षेत्र यदि ऊंचा होता है तो ऐसे व्यक्ति के एक से अधिक मकान बनते हैं.
चंद्रमा और शनि पर्वत से निकली रेखाएं भाग्य रेखा तक जाए या फिर जीवन रेखा तक जाए तो ऐसे व्यक्ति को बना बनाया भवन मिलता है.
यदि हस्त रेखा में कोई रेखा मंगल या चंद्रमा तक जाती है, तो व्यक्ति पैतृक संपत्ति का अधिकारी होता है.
हथेली की मस्तिष्क रेखा में अन्य रेखाओं की शाखाएं होती हैं तो व्यक्ति पैतृक घर में निवास करता है.
जीवन रेखा में त्रिकोण हो या एक से अधिक भाग्य रेखाएं हों तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में बड़ा बंगला या फ्लैट मिलता है.