उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले स्थित फुलरई गांव में आयोजित एक धार्मिक सत्संग में करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है और कई घायल हो गए हैं.
इस हादसे में हादसे में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं. सत्संग की आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने बताया कि यह हादसा सत्संग समापन के समय हुआ.
यह दर्दनाक हादसा नारायण साकार हरि या साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में हुआ है. आइए जानते हैं कि आखिर 'भोले बाबा' कौन हैं.
'भोले बाबा' का जन्म उत्तर प्रदेश के एटा जिले में हुआ था. पटियाली तहसील के गांव बहादुर में जन्मे भोले बाबा खुद को इंटेलीजेंस ब्यूरो (IB) का पूर्व कर्मचारी बताते हैं.
बाबा 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़ धार्मिक प्रवचन करने लगे. पश्चिमी उत्तर यूपी सहित उत्तराखंड, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में उनके लाखो अनुयायी हैं.
'भोले बाबा' सोशल मीडिया की दुनिया से एकदम दूर हैं. दूसरे कथावाचकों की तरह सोशल मीडिया पर उनके प्रवचन नहीं मिलेंगे. उनका ऑफिशियल अकाउंट भी नहीं है.
नारायण साकार हरि का कार्यक्रम हर मंगलवार को आयोजित किया जाता है, जिसमें हजारों लोग आते हैं. उनके सत्संग में खाने-पीने से लेकर हर जरूर इंतजाम होता है.
कोरोना काल के दौरान प्रतिबंध के बावजूद भी भोले बाबा हजारों की भीड़ इकट्ठा करके चर्चा में आए थे. क्योंकि उस दौरान लोगों के एक जगह इकट्ठा होने पर सख्त नियम थे.