होलाष्टक की शुरुआत 28 फरवरी से होगी और इसका समापन 07 मार्च को होगा. 08 मार्च को होली खेली जाएगी.
होलाष्टक होली के आठ दिन पहले ही शुरू हो जाते हैं. इस समय शुभ कार्यों को करना वर्जित माना जाता है.
होलाष्टक का समय शुभ नहीं माना जाता है. अगर इस समय मांगलिक कार्य किए जाए तो दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
आइए जानते हैं कि होलाष्टक के दौरान कौन से कार्यों को करना वर्जित माना जाता है.
इस दौरान शादी विवाह, भूमि पूजन, गृह प्रवेश या कोई ना व्यापार करना वर्जित माना जाता है.
होलाष्टक के समय 16 संस्कार जैसे नामकरण, जनेऊ, विवाह संस्कार करना वर्जित माना जाता है.
किसी भी प्रकार का हवन, यज्ञ कर्म भी इन दिनों में नहीं किया जाता है.
इसके अलावा, नव विवाहिताओं को इन दिनों में मायके में रहने की सलाह दी जाती है.
होलाष्टक के समय पूजा पाठ में अपना ध्यान लगाएं और दान धर्म का कार्य करना शुभ माना जाता है.