फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है. फिर अगले दिन चैत्र प्रतिपदा पर रंग वाली होली खेली जाती है. इससे 8 दिन पहले होलाष्टाक लग जाता है.
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इस साल होली 25 मार्च को है और होलाष्टक 17 मार्च से लगेगा. होलाष्टक में 16 संस्कार समेत कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है.
1. होलाष्टक के दौरान शादी-विवाह और सगाई जैसे मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. इसके अलावा मुंडन, कर्णवेध और नामकरण जैसे संस्कार भी नहीं किए जाते हैं.
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2. होलाष्टक में भवन निर्माण, गृह प्रवेश, वाहन या प्रॉपर्टी को बेचना या खरीदना भी वर्जित है. इस अवधि शुभ कार्यों को प्रारंभ करने से बचें.
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3. होलाष्टक में भूलकर भी यज्ञ और हवन जैसे कार्य नहीं करने चाहिए. कहते हैं कि इस अवधि में किए गए यज्ञ-हवन का पर्याप्त फल नहीं मिलता है.
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4. होलाष्टक में नई दुकान या कारोबार का शुभारंभ बिल्कुल न करें. ये कार्य होलाष्टक से पहले या बाद में निपटा लें तो बेहतर होगा.
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5. होलाष्टक में सोने या चांदी के आभूषण खरीदने से बचें. इस दौरान कपड़े, घर की सजावट का सामान आदि भी न खरीदें.
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, होलाष्टक में महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से हर तरह के रोग से छुटकारा मिलता है और सेहत अच्छी रहती है.