6 MAR 2025
aajtak.in
इस बार होली का त्योहार 14 मार्च, शुक्रवार को मनाया जाएगा और उससे ठीक एक दिन पहले 13 मार्च को होलिका दहन किया जाएगा.
होली से 8 दिन पहले होलाष्टक शुरू हो जाता है और ये होलाष्टक शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है होली और अष्टक.
होलाष्टक हर साल फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को शुरू होता है और इसका समापन फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होता है.
इस बार होलाष्टक 7 मार्च यानी कल से शुरू हो रहा है और समापन 13 मार्च को होगा. इस दिन से होलिका दहन की तैयारियां शुरू हो जाती हैं.
क्योंकि होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है इसलिए उसमें कोई शुभ और मांगलिक कार्य नहीं करने चाहिए. तो आइए जानते हैं होलाष्टक के समय कौन से कार्य नहीं करने चाहिए.
होलाष्टक के समय कोई भी शुभ कार्य जैसे विवाह, जमीन खरीदना, निर्माण कार्य करना, मुंडन, नामकरण और गृह प्रवेश नहीं करने चाहिए. ये सभी कार्य वर्जित माने जाते हैं.
शास्त्रों में ऐसी मान्यता है कि अगर होलाष्टक के समय किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत की गई तो उस कार्य में विघ्न बाधा आ सकती है.
होलाष्टक के समय भगवान का पूजन, चिंतन और पूरे भक्तिभाव के साथ उनके नाम का जाप जरूर करें. जो लोग भगवान कृष्ण के भक्त हैं वो लोग कृष्णजी के साथ पर्व मनाने की तैयारी करें.
होलाष्टक के 8 दिन पूजा उपासना के दिन हैं और मंत्र जाप के दिन हैं. साथ ही भगवान के अपने संबंध ओर मजबूत करने के दिन हैं.