19 Feb 2025
Aajtak.in
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हर साल फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा की रात होलिका दहन किया जाता है. इसके अगले दिन रंग वाली होली खेलने की परंपरा है.
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उत्तर भारत में यह पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि इस बार होली की तारीख को लेकर बहुत कन्फ्यूजन फैला है.
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उत्तर भारत में यह पर्व बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है. हालांकि इस बार होली की तारीख को लेकर बहुत कन्फ्यूजन फैला है.
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हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10.25 बजे से लेकर 14 मार्च को दोपहर 12.23 बजे तक रहेगी. पर हो रहा है.
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ऐसे में होलिका दहन गुरुवार, 13 मार्च को होगा. जबकि अगले दिन यानी शुक्रवार, 14 मार्च को रंग-गुलाल खेला जाएगा.
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होलिका दहन का शुभ मुहुर्त 13 मार्च की रात 11.26 बजे से लेकर रात 12:30 बजे तक रहने वाला है. इसके लिए आपको करीब 56 मिनट का समय मिलेगा.
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फाल्गुन पूर्णिमा की रात लकड़ी, गोबर के उपले जलाकर होलिका दहन किया जाता है. इससे पहले होली मैय्या की विधिवत पूजा की जाती है.
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संध्याकाल में महिलाएं चौक पर लगी होली पर फल, फूल, मिठाई, रोली, हल्दी और एक लोटा जल चढ़ाकर होली मैय्या की पूजा करती हैं.
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