10 Mar 2025
aajtak.in
होलिका दहन इस बार 13 मार्च को किया जाएगा. होलिका दहन पर इस बार पूरे दिन भद्रा का साया रहने वाला है. जिसे लेकर लोग थोड़े परेशान हैं.
दरअसल, भारतीय नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की पहली तिथि को शुरू होता है. इससे पहले पुराने संवत्सर को विदाई देने और इसकी नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए होलिका दहन किया जाता है.
होलिका दहन को कहीं-कहीं पर संवत् जलाना भी कहा जाता है. बुराई पर अच्छाई की विजय के स्वरूप में भी होलिका दहन मनाया जाता है.
होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 10:35 मिनट से शुरू होगा और रात 11:26 मिनट तक इसका साया रहेगा.
यानी होलिका दहन पर करीब 13 घंटे भद्रा का साया लगने वाला है. ज्योतिषियों के अनुसार, भद्रा का साया समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा.
छोटी होली वाले दिन यानी 13 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त रात 11:26 मिनट से शुरू होगा और 14 मार्च की रात को 12:30 पर समाप्त होगा.
होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त के समय लकड़ी, कंडे और उपले जलाएं जाते हैं. कहते हैं कि होलिका दहन पर लकड़ी की राख को घर में लाकर उससे तिलक करने की परंपरा भी है.