8 Mar 2025
aajtak.in
भारतीय नव संवत्सर चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की पहली तिथि को शुरू होता है. इससे पहले पुराने संवत्सर को विदाई देने और इसकी नकारात्मकता को समाप्त करने के लिए होलिका दहन किया जाता है.
होलिका दहन को कहीं-कहीं पर संवत जलाना भी कहा जाता है. बुराई पर अच्छाई की विजय के स्वरूप में भी होलिका दहन मनाया जाता है.
इस बार होलिका दहन 13 मार्च, गुरुवार को किया जाएगा. और अगले दिन 14 मार्च को रंगों का पर्व होली खेला जाएगा.
इस बार होलिका दहन पर भद्रा का संयोग भी बनने वाला है. ऐसे में लोग छोटी होली पर होलिका दहन के मुहूर्त को लेकर चिंतित हैं.
होलिका दहन के दिन भद्रा का साया सुबह 10:35 मिनट से शुरू होगी और रात 11:26 मिनट तक इसका साया रहेगा.
यानी होलिका दहन पर करीब 13 घंटे भद्रा का साया लगने वाला है. ज्योतिषियों के अनुसार, भद्रा का साया समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा.
छोटी होली वाले दिन यानी 13 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त रात 11:26 मिनट से शुरू होगा और 14 मार्च की रात को 12:30 पर समाप्त होगा.
होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त के समय लकड़ी, कंडे और उपले जलाएं जाते हैं. कहते हैं कि होलिका दहन पर लकड़ी की राख को घर में लाकर उससे तिलक करने की परंपरा भी है.