13 Mar 2025
Aajtak.in
इस साल 13 मार्च को छोटी होली है और 14 मार्च को बड़ी होली. छोटी होली की रात होलिका दहन करने की भी परंपरा है.
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आपने देखा होगा कि होलिका दहन के दौरान लोग गेहूं की बालियां भूनते हैं. क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों किया जाता है.
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ऐसी मान्यताएं हैं कि होलिका दहन की अग्नि में गेहूं की बालियों को भूनकर खाने से रोग-बीमारियों का नाश होता है और दीर्घायु का वरदान मिलता है.
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होलिका दहन में छुहारा, बादाम और सूखे नारियल की आहुति देने के बाद लोग गेहूं की बालियां भूनते हैं और स्वस्थ जीवन व लंबी आयु की कामना करते हैं.
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होलिका दहन से एक या दो दिन पहले खेत से गेहूं की बालियां उखाड़ी जाती हैं और सुखाने के बाद इन्हें होली की अग्नि में भूना जाता है.
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जब होली की अग्नि में गेहूं की बालियां अच्छी तरह भुन जाती हैं, तो इन्हें परिवार, मित्रों और परिचितों में प्रसाद के रूप में वितरित किया जाता है.
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इस रिवाज के पीछे ऐसी कामना रहती है कि परिवार में सब स्वस्थ रहें और घर में कभी अन्न-धन की कमी न हो.
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इस साल भद्रा के चलते होलिका दहन का मुहूर्त बहुत कम समय रहेगा. आप 13 मार्च को रात 11.27 बजे से रात 12.30 बजे तक ही होलिका दहन कर पाएंगे.
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