भगवान विष्णु के पूर्ण अवतार श्रीकृष्ण का आज जन्मोत्सव है. जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद कृष्ण अष्टमी तिथि को मनाई जाती है.
ज्योतिषविदों का कहना है कि इस साल जन्माष्टमी पर द्वापर युग जैसे योग बन रहे हैं. ऐसे में श्रीकृष्ण की पूजा का फल कई गुना अधिक होगा.
6 सितंबर की रात जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र रहेगा, जिसमें श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इस शुभ संयोग में श्रीकृष्ण का जन्म जरूर कराएं.
जन्माष्टमी पर खीरे का डंठल काटकर कान्हा का जन्म कराया जाता है. खीरा काटकर कान्हा को मां देवकी के गर्भ से अलग किया जाता है.
रात 12 बजते ही खीरे के डंठल को किसी सिक्के से काटकर कान्हा का जन्म कराएं. इसके बाद शंख बजाकर कान्हा के आने की खुशियां मनाएं.
जन्म होने के बाद भगवान को खीरे से बाहर निकाला जाता है. जन्माष्टमी की रात होने वाली इस प्रक्रिया को नाल छेदन भी कहा जाता है.
इस साल जन्माष्टमी का शुभ मुहूर्त 6 सितंबर को रात 11.56 बजे से देर रात 12.42 बजे तक रहेगा.
यानी आप रात 12 बजे से 12 बजकर 42 मिनट के बीच किसी भी वक्त कान्हा का जन्म करवा सकते हैं.