अरुणेश कुमार शर्मा
इस साल जन्माष्टमी का त्योहार 6 और 7 सितंबर को मनाया जाएगा. भगवान कृष्ण का प्राकट्य भाद्रपद कृष्ण अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था.
जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के अलग-अलग स्वरूपों की स्थापना होती है. कहीं शालिग्राम तो कहीं लड्डू गोपाल के रूप में इनकी पूजा होती है.
क्या आप जानते हैं कि इस दिन श्रीकृष्ण की अलग-अलग प्रतिमाएं घर लाने और उनकी पूजा करने का क्या महत्व है.
अगर आप आर्थिक तंगी से निजात पाना चाहते हैं तो जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण और कामधेनु गाय की प्रतिमा स्थापित कर विधिवत पूजा करें.
यदि आप जीवन में महान उपलब्धियां हासिल करना चाहते हैं और आपके लक्ष्य बहुत ऊंचे हैं तो श्रीकृष्ण के भागवत गीता स्वरूप की पूजा करें.
यदि आप निसंतान है या संतान से जुड़ी कोई समस्या है तो जन्माष्टमी पर घर में श्रीकृष्ण के लड्डू गोपाल स्वरूप की प्रतिमा स्थापित करें.
यदि आपको किसी समस्या का हल नहीं मिल पा रहा है तो जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के गिरीराज स्वरूप की वंदना करें. आपकी हर मुश्किल दूर हो जाएगी.
यदि आपको करियर में तरक्की और दांपत्य जीवन में सुख चाहिए तो जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के द्वारका स्वरूप की प्रतिमा घर लाकर पूजा करें.
यदि आप किसी प्रतियोगिता में सफलता पाना चाहते हैं तो श्रीकृष्ण की कालिया नाग पर मृदंग करते हुए स्वरूप की तस्वीर लाएं और पूजा करें.
यदि आप रिश्ते-नातों से जुड़ी समस्या से जूझ रहे हैं तो जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण के ग्वाल स्वरूप की प्रतिमा लाएं और विधिवत पूजा करें.