तंत्र-मंत्र और सिद्धि के लिए चार रातों को सबसे शुभ माना गया है. पहली है कालरात्रि, दूसरी अहोरात्रि, तीसरी दारुणरात्रि और चौथी मोहरात्रि.
जन्माष्टमी की रात को मोहरात्रि कहा जाता है. भाद्रपद कृष्ण अष्टमी की रात को रोहिणी नक्षत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने जन्म लिया था.
इसलिए शास्त्रों में जन्माष्टमी की रात को जादुई रात भी कहा गया है. कहते हैं कि इस चमत्कारी रात में कुछ विशेष उपाय हर संकट दूर कर सकते हैं.
जन्माष्टमी की रात श्रीकृष्ण को पान का पत्ता अर्पित करें. फिर इस पत्ते पर रोली से श्रीयंत्र लिखकर रात में धन के स्थान या तिजोरी में रख दें.
इससे धन लाभ के प्रबल योग बनते हैं और आर्थिक समस्या दूर होती हैं. इस दिन श्रीकृष्ण को पीले फल, मिठाई अर्पित करने से भी धन, यश बढ़ता है.
जन्माष्टमी की रात भगवान श्री कृष्ण का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें. इससे आपके जीवन में स्थाई सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.
परिवार में लड़ाई-झगड़े और क्लेश से परेशान हैं तो जन्माष्टमी की शाम को घर में तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाएं.
इसके बाद 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करते हुए तुलसी की 11 बार परिक्रमा करें. आपके परिवार में प्रेम का वातावरण बना रहेगा.