इस साल जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को पड़ रही है. 6 सितंबर को शैव और 7 सितंबर को वैष्णव संप्रदाय के लोग जन्माष्टमी मनाएंगे.
ज्योतिषविदों का कहना है कि 6 सितंबर दिन बुधवार को जन्माष्टमी पर एक बड़ा ही दुर्लभ और शुभ संयोग भी बनने जा रहा है.
जन्माष्टमी पर 12 साल बाद अर्धरात्रि व्यापिनी, बुधवार, रोहिणी नक्षत्र और वृषस्थ चंद्रमा का दुर्लभ और मंगलकारी योग बनने वाला है.
इतना ही नहीं, इस बार जन्माष्टमी सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाई जाएगी. इस शुभ संयोग ने जन्माष्टमी का महत्व और बढ़ा दिया है.
जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की पूजा का श्रेष्ठ मुहूर्त भी 6 सितंबर को रात 11.56 बजे से लेकर देर रात 12.42 बजे तक रहेगा.
यानी शुभ मुहूर्त में पूजा के लिए आपको पूरे 46 मिनट का समय मिलेगा. इस मुहूर्त में विधिवत पूजा से आपकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है.
1. धन लाभ के लिए केसर जल से भगवान का स्नान करें और रात्रि जागरण करते हुए 'ओम नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए.
2. संतान की खुशियों के लिए जन्माष्टमी पर श्रीकृष्ण का दूध से अभिषेक करें. इसके बाद भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं.