जन्माष्टमी पर ये एक गलती करने से नष्ट हो सकते हैं सारे पुण्य, जानें क्या है वजह

जन्माष्टमी पर ये एक गलती करने से नष्ट हो सकते हैं सारे पुण्य, जानें क्या है वजह

इस साल जन्माष्टमी 6 और 7 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन लोग मंदिर जाकर श्रीकृष्ण की विधिवत पूजा कर उनका आशीर्वाद पाते हैं.

लेकिन मंदिर में श्रीकृष्ण का दर्शन करते समय जाने-अनजाने में लोग उनकी पीठ भी देख लेते हैं. जबकि शास्त्रों में ऐसा करना वर्जित माना गया है.

कहते हैं कि कृष्ण की पीठ पर अधर्म का वास होता है और इसे देखने से आपके सारे पुण्य नष्ट हो सकते हैं. इसकी एक प्रचलित कथा भी है.

कालयवन एक यवन असुर था. वह ऋषि शेशिरायण का पुत्र था. उसके वध का वर्णन विष्णु पुराण के 5वें अंश के 23वें अध्याय में मिलता है.

क्यों ना देखें कृष्ण की पीठ?

एक बार कालयवन श्रीकृष्ण को ललकारने पहुंच गया. हालांकि कृष्ण चाहकर भी उसका वध नहीं कर सकते थे.

दरअसल, कालयवन के पिछले जन्मों के पुण्य बहुत अधिक थे. इसलिए श्रीकृष्ण उसके प्राण नहीं ले सकते थे.

कालयवन की ललकार सुन श्रीकृष्ण अचानक वहां से भाग निकले. कृष्ण जब रण छोड़कर भागने लगे तो कालयवन उनकी पीठ देखने लगा.

चूंकि कृष्ण की पीठ पर अधर्म का वास होता है, इसलिए उस पर नजर पड़ने से कालयवन का अधर्म बढ़ता गया.

जब कालयवन के पुण्य का प्रभाव खत्म हो गया तो कृष्ण एक गुफा में चले गए, जहां मुचुकुंद नामक राजा निद्रासन में थे.

मुचुकुंद को देवराज इंद्र का वरदान था कि जो भी व्यक्ति राजा को निद्रा से जगाएगा,  वो उनकी नजर पड़ते ही भस्म हो जाएगा.

कृष्ण ने अपनी पोशाक मुचुकुंद को ओढ़ा दी. कालयवन ने जब राजा को कृष्ण समझकर उठाया तो उनके क्रोध की अग्नि में जलकर भस्म हो गया.

इसलिए कहा जाता है कि भगवान श्री हरि की पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए, क्योंकि इससे हमारे पुण्य कर्म का प्रभाव कम होता है.