25 Aug 2024
AajTak.In
इस साल जन्माष्टमी सोमवार, 26 अगस्त को मनाई जाएगी. इस दिन लोग श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं और उपवास भी रखते हैं.
क्या आप जानते हैं कि भगवान श्रीकृष्ण की पीठ पर अधर्म का वास होता है. इसलिए उनकी पीठ कभी नहीं देखनी चाहिए. इससे जुड़ी एक प्रचलित कथा भी है.
मलेच्छ देश में कालयवन नाम का एक राक्षस था. वह ऋषि शेशिरायण का पुत्र था. उसके वध का वर्णन विष्णु पुराण के 5वें अंश के 23वें अध्याय में मिलता है.
एक बार कालयवन कृष्ण को ललकारने पहुंच गया. लेकिन कृष्ण चाहकर भी उसका वध नहीं कर सकते थे, क्योंकि उसके पिछले जन्मों के पुण्य अधिक थे.
कालयवन की ललकार सुन कृष्ण अचानक वहां से भाग निकले. कृष्ण जब रण छोड़कर भागे तो कालयवन की दृष्टि उनकी पीठ पर पड़ने लगी.
चूंकि कृष्ण की पीठ पर अधर्म का वास होता है, इसलिए भगवान की पीठ देखने से कालयवन का अधर्म बढ़ता गया और उसके सुकर्मों का नाश हो गया.
उसके पुण्य नष्ट होते ही कृष्ण एक गुफा में चले गए, जहां राजा मुचुकुंद निद्रासन में था. मुचुकुंद को वरदान था कि जो व्यक्ति उसे निद्रा से जगाएगा, वो भस्म हो जाएगा.
कृष्ण ने अपनी पोशाक मुचुकुंद को ओढ़ा दी. कालयवन ने जब राजा को कृष्ण समझकर उठाया तो उनके क्रोध की अग्नि में जलकर भस्म हो गया.
इसलिए कहा जाता है कि भगवान श्री हरि की पीठ के दर्शन नहीं करने चाहिए, क्योंकि इससे हमारे पुण्य कर्म का प्रभाव कम होता है.