जल्द ही माघ मास की आखिरी एकादशी यानी जया एकादशी आने वाली है. इस बार जया एकादशी 20 फरवरी, मंगलवार की है.
जया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की उपासना की जाती है. इस दिन जो भी श्रीहरि के नाम का व्रत रखता है उसकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं.
जया एकादशी को भीष्म एकादशी या भूमि एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. यह एकादशी बहुत ही महत्वपूर्ण कहलाती है.
ज्योतिषियों की मानें तो जया एकादशी के दिन कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए.
जया एकादशी के दिन तुलसी में ना ही जल अर्पित करना चाहिए और ना ही तुलसी दल तोड़ना चाहिए.
एकादशी के दिन चावल, जौ का सेवन नहीं करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार इस दिन चावल खाना वर्जित है. ऐसी मान्यता है कि चावल खाने से मन की एकाग्रता खत्म होती है और व्रत का उद्देश्य पूरा नहीं हो पाता है.
एकादशी के दिन बिस्तर पर नहीं जमीन पर सोना चाहिए. ऐसा करने का मकसद जीवन को सात्विक तरीके से बिताना सिखाना है. इस दिन मांस और नशीली वस्तुओं का सेवन भी भूलकर न करें.
एकादशी के दिन झूठ और क्रोध से सावधान रहें. साथ ही किसी के लिए गलत शब्दों का प्रयोग न करें.
एकादशी के दिन उपवास करें या ना करें लेकिन इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए.