30 july 2024
Credit: Aajtak.in
धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि भगवान विष्णु के आराध्य श्री शिव हैं और भगवान शिव के आराध्य श्री विष्णु हैं.
ऐसे में श्रावण मास में आने वाली कामिका एकादशी का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. यह व्रत करने से भगवान विष्णु के साथ साथ शिवजी की भी असीम कृपा होती है.
मान्यता के मुताबिक, इस एकादशी के स्मरण मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है. साथ ही इस व्रत को रखने से सभी पाप मिट जाते हैं और व्यक्ति उत्तम लोक में स्थान प्राप्त करता है.
एकादशी के दिन माता तुलसी की भी उपासना करनी चाहिए, बड़ा ही शुभ माना जाता है. कहते हैं कि तुलसी श्रीहरि की बेहद प्रिय होती है.
तो आइए जानते हैं कि सावन की पहली एकादशी पर तुलसी से जुड़ी कौन सी गलतियों से सावधान रहना चाहिए.
तुलसी के पौधे में मां लक्ष्मी का वास होता है और इस दिन तुलसी निर्जला व्रत भी रखती हैं. इसलिए, इस दिन तुलसी में जल नहीं चढ़ाना चाहिए.
एकादशी के दिन तुलसी की पत्तियों को तोड़ना नहीं चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है.
एकादशी की पूजा में तुलसी का इस्तेमाल करने के लिए तुलसी को एक दिन पहले ही तोड़कर रख लें.
एकादशी के दिन महिलाओं को तुलसी की पूजा बाल बांधकर ही करनी चाहिए और इस दिन काले कपड़े नहीं पहनने चाहिए.
एकादशी के दिन मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए तुलसी के आसपास किसी तरह की गंदगी नहीं रखनी चाहिए.