हिंदू कैलेंडर के अनुसार, स्नान-दान के पवित्र महीने कार्तिक के कुछ दिन रह गए हैं. यह पूरा महीना भगवान विष्णु को समर्पित होता है.
कार्तिक मास का समापन 27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के साथ हो जाएगा. इस महीने के आखिरी पांच दिन काफी खास बताए गए हैं.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इन पांच दिनों में देवउठनी एकादशी, द्वादशी, त्रियोदशी, बैकुंठ चतुर्दशी और कार्तिक पूर्णिमा शामिल है.
माना जाता है कि पवित्र कार्तिक मास के आखिरी पांच दिनों में कुछ ऐसे काम किए जाते हैं, जो आपका भाग्य चमका सकते हैं.
प्रोबधिनी एकादशी पर व्रत रखें और शाम को गन्ने के मंडर में भगवान शालिग्राम और मां तुलसी का विवाह कराएं. फिर रात में जागरण के बाद भजन-कीर्तन करें, वैष्णो पद प्राप्ति होगी.
द्वादशी पर भगवान दामोदर और गौ माता का पूजन करें. जल से भरे घड़े में सुपारी, सोना-चांदी कुछ धातु डालकर दान करें. ऐसा करने से मां लक्ष्मी का वास होगा. साल भर धनवर्षा होगी.
त्रयोदशी पर सुबह प्रदोष काल में स्नान करें. 32 दीप जलाएं. शिव जी का पंचाक्षर स्त्रोत से अभिषेक और मौन व्रत धारण करें. मां गौरी प्रसन्न होंगी. धन-दौलत में बढ़ोतरी होगी.
बैकुंठ चतुर्दशी पर भगवान विश्वनाथ की पूजा करें. मान्यता है कि इस दिन पंचगव्य और गंगाजल से स्नान करने से मनुष्य को सभी तरह की बीमारियों से मुक्ति मिल जाती है.
कार्तिक पूर्णिमा यानी आखिरी पांचवे दिन स्नान दान करने से ब्राह्मण तत्व की प्राप्ति होगी. भगवान कार्तिकेय के दर्शन कर प्रदोष काल में दीपदान से मोक्ष की प्राप्ति होती है.