18 OCT 2024
Aajtak.in
हिंदू पंचांग के अनुसार, करवा चौथ का व्रत इस बार 20 अक्टूबर, रविवार को रखा जाएगा. यह व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है.
इस दिन सभी सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं. साथ ही इस दिन कन्याएं भी अच्छे वर के लिए व्रत रखती हैं
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत के बारे में भगवान कृष्ण ने द्रोपदी को और भगवान शिव ने माता पार्वती को बताया था.
इस बार चतुर्थी तिथि 20 अक्टूबर को सुबह 6:46 मिनट पर शुरू होगी और तिथि का समापन 21 अक्टूबर को सुबह 4:16 मिनट पर होगा. उदयातिथि के अनुसार, करवा चौथ का व्रत 20 अक्टूबर को ही रखा जाएगा.
करवा चौथ के दो पूजन मुहूर्त हैं- पहला अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:43 मिनट से लेकर 12:28 मिनट तक रहेगा और फिर, दोपहर 1:59 मिनट से लेकर 2:45 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा.
इस बार करवा चौथ पर चंद्रोदय का समय शाम 7:54 मिनट बताया जा रहा है.
चंद्रमा के दर्शन के लिए थाली सजाएं. थाली में दीपक, सिन्दूर, अक्षत, कुमकुम, रोली तथा चावल की बनी मिठाई या सफेद मिठाई रखें. संपूर्ण श्रृंगार करें और करवे में जल भर लें. मां गौरी और गणेश की पूजा करें.
चंद्रमा के निकलने पर छलनी से या जल में चंद्रमा को देखें. अर्घ्य दें, करवा चौथ व्रत की कथा सुनें. उसके बाद अपने पति की लंबी आयु की कामना करें. अपनी सास या किसी वयोवृद्ध महिला को श्रृंगार का सामान दें तथा उनसे आशीर्वाद लें.
वैवाहिक जीवन में मधुरता लाने के लिए करवा चौथ के दिन गौरी पुत्र गजानन को दुर्वा के साथ 21 गुड़ की गोलियां बनाकर अर्पित करें.