काशी विश्वनाथ मंदिर क्यों इतना खास? जानें महत्व 

By: Sachin Dhar Dubey 13 December 2021

जगम मीा्गू

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काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर पूरी तरह से श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है.

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पीएम नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर को वाराणसी में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया.

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काशी विश्वनाथ प्रोजेक्ट पर काफी लंबे समय से काम किया जा रहा था. इसके बनकर तैयार होने के बाद परिसर पूरी तरह से बदला सा नजर आ रहा है.

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मान्यता है कि काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन से पहले गंगा स्नान या फिर आचमन किया जाता है.

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अब श्रद्धालु गंगा स्नान कर गंगा जल लेकर सीधे बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे.

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उन्हें मंदिर प्रांगण तक पहुंचने के लिए अब पहले की तरह परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी.

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काशी विश्वनाथ धाम का निर्माण करीब सवा 5 लाख स्कावयर फीट में किया गया है.

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इस भव्य कॉरिडार में कुल छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं.

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इस कॉरिडार के बनने के बाद अब श्रद्धालु तंग और संकरी गलियों से निजात पा सकेंगे.

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काशी विश्वनाथ के निर्माण और पुनर्निमाण को लेकर कई तरह की धारणाएं हैं. 

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इतिहासकार कहते हैं कि विश्वनाथ मंदिर का निर्माण अकबर के नौरत्नों में से एक राजा टोडरमल ने कराया था. 

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 1735 में इंदौर की महारानी देवी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया. 

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मान्यता है कि काशी नगरी भगवान शिव के त्रिशुल पर टिकी है.

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भगवान विश्वनाथ यहां ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में निवास करते हैं. 

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यह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है. 

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पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा विश्वनाथ के दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष हासिल होता है. 

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