जगम मीा्गू
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काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर पूरी तरह से श्रद्धालुओं के स्वागत के लिए तैयार है.
पीएम नरेंद्र मोदी ने 13 दिसंबर को वाराणसी में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया.
Pic credit: PTIकाशी विश्वनाथ प्रोजेक्ट पर काफी लंबे समय से काम किया जा रहा था. इसके बनकर तैयार होने के बाद परिसर पूरी तरह से बदला सा नजर आ रहा है.
Pic credit: PTIमान्यता है कि काशी में बाबा विश्वनाथ के दर्शन से पहले गंगा स्नान या फिर आचमन किया जाता है.
Pic credit: PTIअब श्रद्धालु गंगा स्नान कर गंगा जल लेकर सीधे बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर सकेंगे.
Pic credit: PTIउन्हें मंदिर प्रांगण तक पहुंचने के लिए अब पहले की तरह परेशानी नहीं उठानी पड़ेगी.
Pic credit: PTIकाशी विश्वनाथ धाम का निर्माण करीब सवा 5 लाख स्कावयर फीट में किया गया है.
Pic credit: PTIइस भव्य कॉरिडार में कुल छोटी-बड़ी 23 इमारतें और 27 मंदिर हैं.
Pic credit: PTIइस कॉरिडार के बनने के बाद अब श्रद्धालु तंग और संकरी गलियों से निजात पा सकेंगे.
काशी विश्वनाथ के निर्माण और पुनर्निमाण को लेकर कई तरह की धारणाएं हैं.
Pic credit: PTIइतिहासकार कहते हैं कि विश्वनाथ मंदिर का निर्माण अकबर के नौरत्नों में से एक राजा टोडरमल ने कराया था.
Pic credit: PTI1735 में इंदौर की महारानी देवी अहिल्याबाई ने काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनर्निर्माण कराया.
Pic credit: PTIमान्यता है कि काशी नगरी भगवान शिव के त्रिशुल पर टिकी है.
Pic credit: PTIभगवान विश्वनाथ यहां ब्रह्मांड के स्वामी के रूप में निवास करते हैं.
Pic credit: PTIयह मंदिर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है.
Pic credit: PTIपौराणिक मान्यताओं के अनुसार, बाबा विश्वनाथ के दर्शन मात्र से ही पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष हासिल होता है.