वास्तु शास्त्र में सभी दिशाओं का अपना एक अलग महत्व होता है. दक्षिण-पश्चिम दिशा को ‘नैऋत्य दिशा’ भी कहते हैं. आइए जानते हैं दक्षिण-पश्चिम दिशा से जुड़ी खास बातें...
घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में पौधे नहीं रखने चाहिए. वास्तु के अनुसार, पौधे रखने के लिए ये जगह अशुभ मानी जाती है.
दक्षिण-पश्चिम दिशा में पौधे रखने से घर में आर्थिक परेशानी होती है.
इस दिशा में खिड़की, दरवाजे बिल्कुल नहीं होने चाहिए.
घर के दक्षिण-पश्चिम कोने को भरा हुआ रखना चाहिए, जिससे राहु ग्रह शांत रहे.
माना जाता है कि इस दिशा में शौचालय बनवाने से पितृ दोष होता है. राहु और पितृदोष के कारण ऐसे घरों में हमेशा नकारात्मक ऊर्जा रहती है.
ईश्वरीय शक्ति ईशान कोण से प्रवेश करती है और नैऋत्य कोण (पश्चिम-दक्षिण) से बाहर निकलती है. दक्षिण दिशा में मंदिर बनवाने से बचना चाहिए.
घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्टोर रूम और गृहस्वामी का कमरा बनाया जा सकता है.
अगर दक्षिण-पश्चिम दिशा में खिड़की और दरवाजा है तो हनुमान जी की मूर्ति इस तरह लगाएं कि उनकी दृष्टि दक्षिण की दिशा में रहे.